सूरज की चाया कहाँ गयी?

सूरज की चाया कहाँ गयी?

सूरज की चाया कहाँ गयी?

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एक समय था जब हरे पहाड़ों में सोने की परछाईं रहती थी। वो प्रकाशित होती और सबको आनंद देती । पर अब वो कहाँ चली गयी? क्या वो हवा में मिल चुकी है या फिर समय का खेल है यह ?

  • सोने की परछाईं को पाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?

निरंतर जागरण का अहसास

जीवन एक बहुआयामी यात्रा है जो click here हमें विभिन्न अवस्थाओं के माध्यम से ले जाती है। अब हमारे लिए एक अनूठा अवसर है, लेकिन अक्सर हम सोच में खोकर रह जाते हैं और अपने भीतर समझने में असफल हो जाते हैं। निरंतर जागरण का अहसास हमें यह महसूस कराता है कि हम मनुष्य हैं और हमारे जीवन में {उद्देश्य है|भागीदारी है|अर्थ है।

यह आत्मा का ज्ञान हमें अपने भीतर की शांति मिल जाती है, क्योंकि हम समझते हैं कि जीवन केवल एक साया नहीं है, बल्कि यह एक अद्भुत यात्रा है जो हमें {उन्नत करता है|परिवर्तन लाता है|ज्ञान की ओर ले जाता है।

चिंतन के जाल में फंस कर फिसलना

एक चिंतन शासक की कल्पना करो जिसका दिमाग एक विशाल जाले से भरा हो।

हर सोच, हर आभास एक बारीक धागा है जो उसे बंधता है। वह इस जाले में इतनी गहराई तक {डूब{ गया है कि वास्तविकता से जुड़ने का रास्ता खो गया है।

शरीर को आराम नहीं मिलता

कभी-कभी आपको रात में सोने में समस्या होती है। यदि यह लगातार होता है तो यह एक समस्या हो सकती है। नींद न आने के कई तर्क हो सकते हैं जैसे की दबाव, अधिक मीठा खाना, या काम पर अधिक समय बिताना।

नींद न आने की समस्या को समाधान ढूंढना जरूरी है, क्योंकि यह आपकी नींद में बाधा डाल सकता है। तो बहुत ज़रूरी है कि आप अपने डॉक्टर से उनसे संपर्क करें और अपनी समस्या का समाधान खोजने में मदद लें।

निरुक्त शरीर , मानसिक उथल-पुथल

यह तो हर किसी का अनुभव है। जब व्यक्ति थक जाता है, तो उसकी सोच भी गूंजती है, और उसे कोई समाधान दिखाई देता।

आपदा और तनाव का हाथी

यह हाथी बहुत बड़ा होता है। यह हमारी मन में बस जाता है और हमें कमज़ोर बना देता है। जब डर और चिंता लगातार आती है, तो यह हाथी और भी मजबूत हो जाता है।

यह हमें बाधित करता है और हमारे लक्ष्यों को ख़त्म करने की कोशिश करता है।

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